रांची : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि न्यायालय सिर्फ न्याय देने वाला संस्थान ही नहीं है बल्कि यह एक ऐसा मंदिर है, जहां किसी भी तरह का भेदभाव किए बिना सभी को न्याय मिलता है। उन्होंने कहा कि न्यायपालिका स्वतंत्र रूप से अपने कार्यों का निर्वहन करती है और यही हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था को और अधिक मजबूत बनाती है।मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में न्यायिक बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ बनाने के लिए लगातार कार्य हो रहा है। न्यायालय के कर्मचारियों के लिए आवास निर्माण से लेकर कोर्ट परिसर के विस्तार तक, कई परियोजनाएं अलग-अलग चरणों में तेज गति से पूरी की जा रही हैं।उन्होंने कहा कि राज्य के अधिवक्ताओं के लिए भी कई कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं। इसका कारण बताते हुए उन्होंने कहा कि झारखंड की आर्थिक स्थिति मेट्रो शहरों जैसी सुदृढ़ नहीं है, और यह समस्या सिर्फ ग्रामीण इलाकों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि हर वर्ग और हर क्षेत्र में देखने को मिलती है।