धनबाद: लोक आस्था का चार दिवसीय महापर्व छठ आज नहाय खाय के साथ शुरू हो गया है। इस दिन व्रती महिलाएं लौकी-भात या कद्दू-चावल का प्रसाद बनाकर ग्रहण करती हैं। इसे व्रत का पहला पूजन माना जाता है।खड़ेश्वरी मंदिर के समीप मधु कुंज में रहनेवाली व्रती सीमा सहाय के घर छठ की तैयारी और उत्साह देखते ही बन रहा है। परिवार के सभी सदस्य गेहूं सुखाने, पकवान तैयार करने और रंगोली से घर सजाने में जुटे हैं। सीमा सहाय ने बताया कि वह पिछले 20 वर्षों से छठ व्रत कर रही हैं। उन्होंने कहा कि छठ न केवल लोक आस्था का प्रतीक है बल्कि स्वच्छता और शुद्धता का संदेश भी देता है।यह महापर्व अत्यंत सादगी और शुद्धता के साथ चार दिनों तक मनाया जाता है । छठ मैया एवं सूर्य देव से सबके अच्छे स्वास्थ्य, सुख शांति का मंगल कामना करते हैं।परिवार के सदस्य संजीव रंजन ने बताया तालाब का पानी गंदा होने के कारण अपने घर पर ही कृत्रिम घाट बनाकर सपरिवार, पड़ोसी, परिचित ,मित्र सूर्यदेव को अर्घ्य अर्पित करते हैं। उनका कहना है कि छठ व्रत में शुद्धता सबसे अहम होती है, इसलिए हर चीज घर पर ही साफ-सुथरे तरीके से तैयार की जाती है। परिवार के सभी सदस्य मिलजुल कर सारी तैयारी करते है