
स्वतंत्रता दिवस से पहले, झरिया स्थित सामाजिक संस्था ‘इंस्टीट्यूशन फॉर नेशनल एमिटी (आईएनए) ने 9वीं देशभक्ति थीम पर कार्ड मेकिंग प्रतियोगिता और कार्यशाला आयोजित की, जिसमें जिले के विभिन्न हिस्सों से 30 से अधिक बच्चों ने भाग लिया।विषय था ‘ यह पीढ़ी नहीं भूलेगी पहलगांव का पीड़ा’।कॉलेज की छात्रा सुप्रीति स्यानाल ने मासूमों की मौत के दर्द को भावुकता से उकेरा, जबकि दूसरी छात्रा ईशा कुमारी ने आतंकवादियों द्वारा किए गए हमले का बदला ‘ऑपरेशन सिंदूर’ दिखाया। वह कला के माध्यम से कहती हैं, ‘भारत का कोई बॉस नहीं है।’कार्डों पर मुख्यतः तीन रंगों – नीला, हरा और केसरिया रंग (भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के समान) का उपयोग किया गया है, जिनका आकार 5 इंच x 7 इंच और 6 इंच x 8 इंच है।पेरिस की कलाकार क्लाउडिया रेविडाट ने मुख्य अतिथि के रूप में धनबाद-झरिया के बच्चों की कलात्मक प्रतिभा को प्रदर्शित किया। उन्होंने सभी कलाकृतियों का बारीकी से अवलोकन किया। एक अन्य अतिथि डॉक्यूमेंट्री फिल्म निर्माता श्री सुयश श्रीबास्तव भी वहां मौजूद हैं। इस अवसर पर कुछ पुरस्कार विजेताओं ने पिछले माह आयोजित चित्रकला प्रतियोगिता के लिए 8 बच्चों को पुरस्कृत किया।कार्यक्रम को सफल बनाने में पिनाकी रॉय, कला शिक्षक संजय पंडित, मौसमी रॉय, गीता देवी, आनंद कुमार पंडित, सुमित कुमार, राघवेंद्र प्रताप सिंह, सुमन कुमारी, दीपसिखा कुमारी, नंदिनी कुमारी, अंजलि कुमारी, लवली कुमारी, मुस्कान कुमारी, नंदिनी साव, राजवीर कुमार आदि छात्र उपस्थित थे।