
वाराणसी : प्रत्येक वर्ष 1 जुलाई को ‘राष्ट्रीय डॉक्टर दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। यह दिन उन समर्पित चिकित्सा सेवकों को सम्मानित करने का अवसर है, जो अपने ज्ञान, कर्मठता और सेवा भावना से मानव जीवन की रक्षा में सतत लगे रहते हैं। यह विशेष दिन भारत के महान चिकित्सक, स्वतंत्रता सेनानी और पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. बिधान चंद्र रॉय की जयंती एवं पुण्यतिथि की स्मृति में मनाया जाता है।इस अवसर पर सामाजिक कार्यकर्ता महिवाल ने डॉक्टरों को समाज के “असली नायक” बताते हुए कहा कि “सच्ची सेवा वही है जो निःस्वार्थ भाव से की जाए। डॉक्टर न केवल रोगों का उपचार करते हैं, बल्कि वे मरीजों को मानसिक संबल और विश्वास भी प्रदान करते हैं।”महिवाल ने कहा कि वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौरान हमने देखा कि किस तरह डॉक्टरों ने अपने जीवन की परवाह किए बिना, दिन-रात जुटकर मानवता की सेवा की। उन्होंने बिना किसी जाति, धर्म या वर्ग के भेदभाव के सबका उपचार किया और अपने कार्य के प्रति निष्ठा की मिसाल पेश किया।