धनबाद। बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय परिसर शुक्रवार को राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) की ओर से ‘वंदे मातरम 150 वर्षगांठ का भव्य आयोजन किया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं ने सामूहिक रूप से राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ गाकर देशभक्ति का संदेश दिया।कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ प्रो. डॉ. राम कुमार सिंह ने की, जबकि संचालन एनएसएस समन्वयक डॉ. मुकुंद रविदास ने किया। ‘वंदे मातरम’ की मनमोहक प्रस्तुति कला एवं संस्कृति विभागाध्यक्ष प्रो. ताप्ती चक्रवर्ती के निर्देशन में विद्यार्थियों द्वारा की गई। मुख्य अतिथि डॉ. राम कुमार सिंह ने कहा कि ‘वंदे मातरम’ स्वतंत्रता संग्राम का आधार स्तंभ रहा है, जिसने देशवासियों में एकता, साहस और राष्ट्रप्रेम की भावना को जागृत किया। उन्होंने बताया कि इस गीत के रचयिता बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय ने इसे अपने प्रसिद्ध उपन्यास ‘आनंद मठ’ में शामिल किया था और 1950 में इसे राष्ट्रीय गीत के रूप में स्वीकृति मिली।प्रो. मुकुंद रविदास ने कहा कि इस आयोजन का उद्देश्य विद्यार्थियों में देशभक्ति की भावना को प्रज्वलित करना और उन्हें राष्ट्रीय गीत की ऐतिहासिक, साहित्यिक एवं सांस्कृतिक पृष्ठभूमि से अवगत कराना है। प्रो. ताप्ती चक्रवर्ती ने कहा कि ‘वंदे मातरम’ केवल एक गीत नहीं, बल्कि यह भारतीय अस्मिता और एकता का प्रतीक है।कला संस्कृति विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. ताप्ती चक्रवर्ती ने बताया कि राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ के 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में विश्वविद्यालय के कला एवं संस्कृति विभाग के छात्र-छात्राओं ने यह समूहगान प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि यह गीत न केवल स्वतंत्रता आंदोलन का प्रतीक है, बल्कि आज भी यह युवाओं में देशभक्ति की प्रेरणा जगाता है।कार्यक्रम में डॉ. पुष्पा कुमारी, डॉ. अमिता वर्मा, डॉ. संजू कुमारी सहित अनेक प्राध्यापक एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रीय गान ‘जन गण मन’ के साथ हुआ।