अयोध्या।रामनगरी अयोध्या की दिव्य एवं पावन धरा पर स्थित भगवदाचार्य स्मारक सदन में चल रही पौराणिक रामलीला का आज सप्तम दिवस श्रद्धा और भक्ति के वातावरण में सम्पन्न हुआ। मंचन के दौरान भगवान श्रीराम के जीवन चरित्र से जुड़े कई महत्वपूर्ण प्रसंगों का भावपूर्ण चित्रण प्रस्तुत किया गया। कलाकारों ने अपने अभिनय और संवाद शैली से ऐसा जीवंत वातावरण बनाया कि उपस्थित श्रद्धालु भक्तिभाव में सराबोर होकर झूम उठे। पूरा प्रांगण जय श्रीराम और हर-हर महादेव के गगनभेदी उद्घोषों से गूंजता रहा।इस अवसर पर महामंत्री स्वामी श्री संजय दास जी महाराज, उपाध्यक्ष नागा राम लखन दास जी महाराज, श्रृंगी ऋषि पीठाधीश्वर महंत हेमंत दास जी महाराज, योग गुरु स्वामी महेश योगी जी, व्यवस्थापक राजीव रंजन पांडेय जी, व्यवस्थापक महंत धनुषधारी शुक्ला जी, तीर्थ पुरोहित अध्यक्ष ओमप्रकाश पांडेय जी, मुख्तार अजय श्रीवास्तव जी, घनश्याम दास जी और पृथ्वी दास जी सहित अनेक संत-महात्माओं एवं धर्माचार्यों की गरिमामयी उपस्थिति रही। इन सभी ने रामलीला मंचन का रसपान करते हुए आयोजकों का उत्साहवर्धन किया।कार्यक्रम की विशेषता यह रही कि मंच पर प्रस्तुत धार्मिक प्रसंगों ने उपस्थित जनमानस को आत्मिक आनंद की अनुभूति कराई। बालक-बालिकाओं, महिलाओं और बुजुर्गों ने पूरे उत्साह और श्रद्धा के साथ रामलीला का दर्शन किया। मंचन के साथ-साथ भजन-कीर्तन और शंख-घंटियों की गूंज से वातावरण और भी दिव्य हो उठा।रामलीला आयोजन समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि हर दिन अलग-अलग प्रसंगों का मंचन किया जा रहा है और आने वाले दिनों में और भी महत्वपूर्ण प्रसंग जैसे राम-भरत मिलाप, सीता हरण, राम-रावण युद्ध और राम राज्याभिषेक का मंचन किया जाएगा। समिति ने सभी श्रद्धालुओं से अधिक से अधिक संख्या में पहुँचकर इस धार्मिक महोत्सव को सफल बनाने की अपील की।रामलीला के इस पावन आयोजन में स्थानीय जनता के साथ-साथ दूर-दराज़ से आए श्रद्धालु भी शामिल हुए और सबने एक स्वर में प्रभु श्रीराम के जयकारे लगाए। श्रद्धालुओं का मानना था कि इस तरह के आयोजन समाज में धार्मिक एकता और सांस्कृतिक चेतना को मजबूत करने का काम करते हैं।