मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई और जस्टिस ए.जे. मसीह की पीठ ने यह निर्णय मुंबई बीएमडब्ल्यू हिट एंड रन केस के आरोपी मिहिर राजेश शाह की याचिका पर सुनाया। अदालत ने कहा कि यह आरोपी का संवैधानिक अधिकार है, जिसे किसी भी परिस्थिति में नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।बेंच ने स्पष्ट किया कि अगर गिरफ्तारी के समय लिखित जानकारी देना संभव नहीं हो, तो पुलिस अधिकारी मौखिक रूप से कारण बताए, लेकिन लिखित सूचना आरोपी को मजिस्ट्रेट के सामने पेशी से कम से कम दो घंटे पहले देना अनिवार्य होगा।कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि ऐसा नहीं किया गया, तो गिरफ्तारी और रिमांड की पूरी प्रक्रिया को अवैध माना जाएगा। यह फैसला देशभर में पुलिस गिरफ्तारी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।