धनबाद : बीमा उद्योग तथा बैंकिंग उद्योग में कार्यरत तमाम श्रमिक संगठनों के आह्वान पर पर हजारीबाग मंडल अंतर्गत भारतीय जीवन बीमा निगम के तमाम शाखा कार्यालय में भारत सरकार द्वारा बीमा कानून (संशोधन) विधेयक, 2025 को संसद में पारित करने के विरोध में द्वार प्रदर्शन का आयोजन किया गया । इस अवसर पर धनबाद शाखा 1,2,3,4, गोविन्दपुर शाखा एवं एस एस सेल कार्यालय परिसर में भी अखिल भारतीय बीमा कर्मचारी संघ के नेतृत्व में भोजनावकाश के दौरान द्वार प्रदर्शन का आयोजन किया गया । इस अवसर पर बीमा कर्मचारी संघ हजारीबाग मंडल के अध्यक्ष हेमन्त मिश्र ने बीमा कानून (संशोधन) विधेयक, 2025 की कड़ी निंदा की, और कामकाजी लोगों, पॉलिसीधारकों और सभी लोकतांत्रिक ताकतों से इस प्रतिगामी कानून का विरोध करने का आह्वान किया जो राष्ट्रीय हितों के लिए बहुत हानिकारक है। इस अवसर पर बेफी के साथी देवाशीष वैद्य ने अपने संबोधन में कहा कि सरकार के द्वारा जनहितैषी भाषा और शब्दावली का उपयोग कर एक ऐसी नीति को वैध ठहराने की कोशिश की गई है, जो वास्तव में जनहित को कमजोर करती है। पेंशनर संघ के साथी सिद्धेश्वर मोदी ने कहा कि प्रस्तुत विधेयक भारतीय बीमा कंपनियों में, पोर्टफोलियो निवेशकों सहित, 100 प्रतिशत तक विदेशी निवेश (FDI) की अनुमति देने का प्रस्ताव करता है। कहा जा रहा है कि इससे पूंजी, तकनीक और वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाएँ आएँगी। किंतु 100 प्रतिशत FDI से न तो भारतीय अर्थव्यवस्था को लाभ होगा और न ही बीमाधारकों को। क्लास वन फेडरेशन के मनोज सिंह ने कहा के कि अब विदेशी पूंजी को देश की घरेलू बचत तक अधिक पहुँच और नियंत्रण मिल जाएगा। यह सर्वविदित है कि किसी भी अर्थव्यवस्था के विकास में घरेलू बचत की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होती है। बीमा कर्मचारी संघ के सांगठनिक सचिव अमित कुमार ने कहा कि एक कल्याणकारी राज्य के रूप में भारत को अपने संवैधानिक दायित्वों को पूरा करने के लिए घरेलू बचत पर अधिक नियंत्रण बनाए रखना चाहिए। संघ के सह सचिव सुबीर कुमार राम ने कहा कि वर्तमान में 74 प्रतिशत की FDI सीमा निजी क्षेत्र के विकास या विस्तार में कोई बाधा नहीं है। आज की सभा को शुभम राज, शशिकांत आर्य, बासु बहादुर, संजय पाठक,एवं प्रशांत सिन्हा ने भी संबोधित किया. आज के प्रदर्शन में बीमा कर्मचारी संघ, पेंशनर संघ, क्लास वन फेडरेशन के साथियों ने हिस्सा लिया