धनबाद: कहते हैं, प्रतिभा किसी पहचान की मोहताज नहीं होती और यह बात धनबाद के अभिषेक कुमार ने सच कर दिखाई है। रतनपुर पंचायत के ग्राम कुमारडीह के रहने वाले अभिषेक ने अपनी अथक मेहनत, संघर्ष और संगीत के प्रति गहरे समर्पण के दम पर अपने बचपन के सपने को साकार करते हुए संगीत के प्रतिष्ठित मंच ‘इंडियन आइडल 16’ तक का सफर तय किया है।अभिषेक के लिए यह सफर आसान नहीं था। उनके पिता, अजय साव, सरायढेला में चाट और गुपचुप (गोलगप्पे) का ठेला चलाते हैं। ठेले पर चाट बेचने वाले के बेटे अभिषेक कुमार ने सोनी टीवी पर प्रसारित होने वाले इस बड़े रियलिटी शो में अपनी जगह बनाकर न सिर्फ अपने परिवार, बल्कि पूरे झारखंड और धनबाद का नाम रोशन किया है।तीन साल की उम्र में पहला मंच प्रदर्शनअभिषेक की प्रारंभिक शिक्षा कोयला नगर डीएवी स्कूल से हुई। उन्हें बचपन से ही गीत-संगीत में गहरी रुचि थी। महज 3 साल की उम्र में उन्होंने अपने मामा और भजन गायक पंकज सांवरिया के साथ स्टेज पर अपना पहला प्रदर्शन किया था।जजों के सामने ठेले वाले पिता के लिए मांगी ‘फ्रीज’इंडियन आइडल के मंच पर अभिषेक की सादगी और पारिवारिक संघर्ष सामने आया, जिसने जजों का दिल जीत लिया। टीवी पर दिखाए गए विजुअल में जब जज श्रेया घोषाल ने उनसे उनकी सबसे बड़ी इच्छा पूछी, तो अभिषेक ने विनम्रता से बताया कि उनके पिता ठेला चलाते हैं और उनकी प्राथमिक इच्छा अपने परिवार के लिए एक फ्रीज खरीदना है।इस पर जज और रैपर बादशाह ने भावुक होकर कहा, “इस शो से जो तुम सीखोगे और नाम कमाओगे, वही तुम्हारी सारी इच्छाओं को पूरा करेगा।” अभिषेक ने अपनी मधुर गायकी से जजों और दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया और शो में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई।18 साल बाद धनबाद का चौथा सिताराअभिषेक कुमार, इंडियन आइडल के मंच पर पहुंचने वाले धनबाद के चौथे कलाकार बन गए हैं। इससे पहले, वर्ष 2007 में पूजा चटर्जी, मियांग चांग और अभिषेक कुमार मिश्रा ने इस शो में अपनी जगह बनाई थी।लगभग 18 वर्षों के बाद, धनबाद का यह युवा कलाकार एक बार फिर अपने सुरों की दुनिया से पूरे देश के दर्शकों का मन मोहने के लिए तैयार है। पूरे धनबाद को अभिषेक से बड़ी उम्मीदें हैं और सभी उनकी सफलता के लिए दुआ कर रहे हैं।