धनबाद : झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह ने शनिवार को अपनी चुप्पी तोड़ते हुए अपने जीवन की सबसे बड़ी पीड़ा सार्वजनिक की। उन्होंने कहा कि “मेरे जीवन का सबसे बड़ा दुख यह रहा कि मेरे ही भाई नीरज सिंह की हत्या के मामले में मेरा नाम आ गया। हम दोनों ने बचपन साथ खेलते हुए बिताया, बड़े हुए और हमेशा एक-दूसरे के बेहद करीब रहे। ऐसे में इस घटना में मेरा नाम जुड़ना मेरे लिए अकल्पनीय था।”संजीव सिंह ने बताया कि नीरज सिंह की हत्या एक अत्यंत दुखद और चिंताजनक घटना थी। उन्होंने कहा, “मैंने खुद इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की थी ताकि सच्चाई सभी के सामने आ सके।”राजनीति में सक्रिय होने के बाद परिवार और परिचितों से दूरी बढ़ने की बात स्वीकार करते हुए उन्होंने कहा कि अब वह इस दूरी को कम करने का प्रयास कर रहे हैं। “पत्रकारों से भी लंबे समय तक दूरी रही, अब उस दूरी को खत्म करने की कोशिश कर रहा हूं,” उन्होंने कहा।संजीव सिंह ने बताया कि वर्ष 2017 में उन्हें जेल जाना पड़ा था। 2019 में उन्होंने अपनी पत्नी एवं झरिया की पूर्व विधायक रागिनी सिंह के माध्यम से संदेश भेजवाया था कि वह जनता के बीच रहकर लोगों की भावनाओं को समझें और उनके लिए काम करती रहें।उन्होंने कहा, “रागिनी चुनाव हारने के बाद भी लगातार जनता के बीच सक्रिय रही हैं। हमारे परिवार की राजनीतिक परंपरा सिर्फ चुनाव लड़ना नहीं, बल्कि सामाजिक कार्यों के जरिए लोगों की सेवा करना रही है।”अपने स्वास्थ्य को लेकर उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य अनुकूल होने के बाद ही भविष्य की राजनीतिक दिशा पर निर्णय लेंगे।“राजनीति में बने रहना ही बड़ी बात है। जीवन में बहुत कुछ सहा है, लेकिन सच्चाई एक दिन जरूर सामने आएगी,” उन्होंने कहा।संजीव सिंह ने स्वीकार किया कि हत्या का आरोप लगने के बाद यह दौर उनके लिए बेहद पीड़ादायक रहा।“हम पांच भाई और 13 बहनें हैं। ऐसे बड़े परिवार में इस तरह का आरोप लगना मुझे तोड़ गया। आज तक नहीं समझ पाया कि मुझ पर यह आरोप क्यों लगा,” उन्होंने कहा।उन्होंने बताया कि वर्ष 2019 में उन्होंने सीबीआई जांच की मांग को लेकर न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। यह मामला करीब दो साल तक हाईकोर्ट में लंबित रहा।“2023 में अदालत ने राज्य सरकार से जवाब मांगा, लेकिन राज्य सरकार ने सीबीआई को पार्टी बनाते हुए कहा कि जांच की आवश्यकता नहीं है,” संजीव सिंह ने कहा।उन्होंने कहा कि वह इस पूरे मामले पर अधिक टिप्पणी नहीं करना चाहते, लेकिन इतना अवश्य कहना चाहेंगे कि “सच्चाई एक दिन सामने अवश्य आएगी और न्याय मिलेगा।”गौरतलब है कि वर्ष 2017 में पूर्व डिप्टी मेयर और कांग्रेस नेता नीरज सिंह सहित चार लोगों की हत्या कर दी गई थी, जिसमें तत्कालीन झरिया विधायक संजीव सिंह का नाम आरोपी के रूप में सामने आया था।