धनबाद। सिंबायोसिस किड्स विद्यालय में दुर्गा पूजा अवकाश से पूर्व सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर महान समाज सुधारक और शिक्षाविद् ईश्वर चंद्र विद्यासागर की 205वीं जयंती भी हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। कार्यक्रम की शुरुआत उनके चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि देने के साथ हुई। इसके बाद विद्यालय के निदेशक आशीष मंडल, प्राचार्या रीना मंडल एवं शिक्षकों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया।निदेशक आशीष मंडल ने कहा कि इस प्रकार के आयोजनों से बच्चों में शिक्षा के साथ-साथ सांस्कृतिक मूल्यों का भी विकास होता है। उन्होंने सभी को दुर्गा पूजा की शुभकामनाएं दीं। कार्यक्रम की शुरुआत शिक्षिका मौसमी मंडल और मौसमी सरकार द्वारा प्रस्तुत मां दुर्गा की स्तुति से हुई, जिसने पूरे वातावरण को भक्तिमय बना दिया। इसके बाद छात्राओं ने मां दुर्गा के विभिन्न रूपों और महिषासुर मर्दिनी की कथा का आकर्षक मंचन किया। वहीं, पारंपरिक धुनुची नृत्य की प्रस्तुति ने दर्शकों का मन मोह लिया।विद्यालय के नन्हे-मुन्ने बच्चों ने भी कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। प्ले और नर्सरी कक्षा के बच्चों ने देवी-देवताओं के वेश में सबका ध्यान आकर्षित किया, जबकि एलकेजी और यूकेजी वर्ग के बच्चों ने डांडिया नृत्य प्रस्तुत कर माहौल को उत्साह और भक्ति से सराबोर कर दिया।प्राचार्या रीना मंडल ने इस अवसर पर ईश्वर चंद्र विद्यासागर को याद करते हुए कहा कि वे बंगाल पुनर्जागरण के प्रमुख स्तंभ थे। उन्होंने विधवा पुनर्विवाह और स्त्री शिक्षा को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई तथा बंगाली गद्य को सरल और आधुनिक बनाने में ऐतिहासिक योगदान दिया।कार्यक्रम के पश्चात कक्षा में प्रथम द्वितीय एवं तृतीय आने वाले विद्यार्थियों को प्राचार्य ने पुरस्कार देकर सम्मानित किया। पूरे आयोजन को सफल बनाने में विद्यालय के शिक्षकों, कर्मचारियों और छात्र-छात्राओं का सराहनीय योगदान रहा।