धनबाद : शिक्षा और छात्रवृत्ति से जुड़े ज्वलंत मुद्दों को लेकर आजसू छात्र संघ ने आज एक अनोखे और प्रभावशाली तरीके से अपनी आवाज उठाई। “शिक्षा के लिए भिक्षा आंदोलन” के तहत सैकड़ों छात्र-छात्राओं ने हाथों में कटोरे लेकर रानी बांध धैया से लेकर डीसी ऑफिस (मेमको मोड़) तक पदयात्रा निकाली। यह प्रदर्शन शिक्षा व्यवस्था में चल रही अनदेखी और छात्रवृत्ति भुगतान की देरी के खिलाफ एक जोरदार विरोध स्वरूप था।छात्रों ने बताया कि कई महीनों से लंबित छात्रवृत्ति न मिलने की वजह से हजारों विद्यार्थी अपनी पढ़ाई छोड़ने को मजबूर हैं। आर्थिक तंगी के कारण छात्र कई तरह की परेशानियों से जूझ रहे हैं, लेकिन प्रशासन की उदासीनता और लापरवाही के कारण उनकी समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। इसी का विरोध करने के लिए आजसू छात्र संघ ने यह प्रतीकात्मक “भिक्षा आंदोलन” शुरू किया है, जो शिक्षा के लिए आर्थिक मदद की मांग को दर्शाता है।छात्र नेता हीरालाल महतो ने कहा, “छात्रवृत्ति कोई भिक्षा नहीं बल्कि छात्रों का अधिकार है। अगर छात्रवृत्ति नहीं मिली तो हमारे लाखों छात्र अपनी पढ़ाई अधूरी छोड़ने पर मजबूर होंगे। हम सरकार से आग्रह करते हैं कि वे इस समस्या का जल्द से जल्द समाधान करें, वरना आंदोलन और तेज होगा।”इस मौके पर छात्र संघ के कार्यकर्ताओं ने उपायुक्त कार्यालय पहुंचकर एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें लंबित छात्रवृत्ति भुगतान को शीघ्र जारी करने की मांग की गई है। साथ ही, उन्होंने प्रशासन से वादा किया कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे व्यापक आंदोलन की योजना बना रहे हैं।विशेषज्ञों के मुताबिक, छात्रवृत्ति भुगतान की देरी ने शिक्षा के क्षेत्र में गंभीर संकट पैदा कर दिया है। यह समस्या न केवल विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित कर रही है, बल्कि भविष्य में शिक्षित युवाओं की कमी जैसी बड़ी चुनौती भी पैदा कर सकती है।धनबाद में आजसू छात्र संघ का यह “शिक्षा के लिए भिक्षा आंदोलन” शिक्षा अधिकारों की लड़ाई का नया रूप माना जा रहा है, जो सरकार और प्रशासन दोनों के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है।