समाजवादी पार्टी के पूर्व मंत्री पवन पांडेय ने अयोध्या में हुए प्राण प्रतिष्ठा और विकास कार्यों में 200 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाया।पवन पांडेय ने दावा किया कि यह भ्रष्टाचार भाजपा सरकार के संरक्षण में हुआ है।उन्होंने कहा कि कुछ नेता और अधिकारी मिलीभगत से इस घोटाले को अंजाम दे रहे हैं।पांडेय के अनुसार, उन्होंने सैकड़ों आरटीआई आवेदन दाखिल किए, पर केवल 102 का ही जवाब मिला।इससे उन्होंने निष्कर्ष निकाला कि कई फाइलें जानबूझकर गायब कर दी गई हैं।उनका आरोप है कि करोड़ों के टेंडर बिना प्रक्रिया के जारी किए गए, जिससे पारदर्शिता पर सवाल उठते हैं।पूर्व मंत्री ने अयोध्या नगर निगम और आउटसोर्सिंग खर्चों में भी गड़बड़ी का आरोप लगाया।उन्होंने पूरे मामले की सीएजी जांच कराने की मांग की है।पवन पांडेय ने कहा कि “रामराज्य के नाम पर भ्रष्टाचार करना भगवान श्रीराम की मर्यादा का अपमान है।”इस आरोप के बाद अयोध्या की सियासत में हलचल मच गई है और अब सबकी निगाहें सरकार की प्रतिक्रिया पर हैं।