धनबाद के संत अंथोनी चर्च परिसर में रविवार, 9 नवंबर 2025 की सुबह प्रथम परमप्रसाद ग्रहण समारोह अत्यंत भक्तिमय वातावरण में आयोजित किया गया। ‘जब से प्यारा यीशु आया मेरा जीवन बदल गया’ गीत की मधुर धुनों से चर्च गूंज उठा। ईसाई परंपरा में प्रथम परमप्रसाद एक पवित्र संस्कार है, जो यीशु मसीह के अंतिम भोज और उनके बलिदान की स्मृति दिलाता है।समारोह में कुल 16 बच्चों जैसन साविओ व्हेनरिस्टल, जॉन विल्सन डुंगडुंग, शायरीन कुजूर, ओडरिया फेलिक्स, अमांडा सिंह, आइसक इमानुएल डिक्रूज, क्रिस्टीना समद, शर्ली सोनल तिर्की, आनया बाखला, दीपांशु पन्ना, सारा जौसफिन डिक्रूज, शॉन एंथोनी डेविड, रयान विदान तिर्की, एल्विन कुजूर, कविता हेंब्रम और अमन हेंब्रम—ने पहली बार पवित्र परमप्रसाद ग्रहण किया। बच्चों को मिशनरी ऑफ चेरिटी की सिस्टर देवबोरा और बेरतिला ने धार्मिक शिक्षा प्रदान की।फादर अमातुस कुजूर ने सफेद परिधान और मोमबत्ती लिए बच्चों को परमप्रसाद प्रदान किया तथा प्रमाणपत्र वितरित किए। उन्होंने अपने उपदेश में कहा कि बच्चे आज प्रभु यीशु के साथ एक नए आध्यात्मिक रिश्ते की शुरुआत कर रहे हैं।कार्यक्रम से पूर्व शांति सोए के नेतृत्व में प्रवेश नृत्य हुआ। समारोह में फादर रिचर्ड मिस्किट, फादर प्रदीप मरांडी, फादर प्रफुल्ल कुजूर, फादर जीवन प्रकाश कुजूर और फादर अजय तिडु उपस्थित रहे। कार्यक्रम को सफल बनाने में शिशिर प्रभात तिर्की, इटवा टूटी, अनूप दत्ता और अजय खालखो का योगदान रहा।