चंद्रपुरा : कुड़मी समाज की ओर से एसटी दर्जा मांग के विरोध में बोकारो उपायुक्त कार्यालय के समीप आहुत जनाक्रोश महारैली में भाग लेने चंद्रपुरा प्रखंड के आदिवासी बाहुल गांवों से सैकड़ों की संख्या महिला – पुरुष पारंपरिक वेशभूषा एवं तीर – कमान के साथ चंद्रपुरा से रवाना हुए। प्रखंड के बुढींडीह , परसाडीह , बेड़ा, झरनाडीह टीएसी बस्ती राजा बेड़ा , तेलों, भुरसाबाद, सरैयाटांड, आदि गांवों के आदिवासी लोग ढ़ोल मांदर एवं नगाड़ा के साथ नारेबाजी लगा रहे थे। एक तीर एक कमान, विश्व के आदिवासी एक समान, कुड़मी समाज हाय – हाय आदि नारे लगा रहे थे। उसके पूर्व विभिन्न गांवों से पहुंचे आदिवासी समुदाय के लोग दुगदा स्थित सिध्दु – कान्हु प्रतिमा स्थल पर एकत्रित हुए और सिध्दु – कान्हु प्रतिमा पर माल्यार्पण कर बोकारो में आहुत कार्यक्रम में भाग लेने के लिए टेम्पु , बाइक एवं चारपहिया वाहन आदि वाहनों में सवार होकर रवाना हुए। समिति के रंजित हांसदा, फुलचंद मूर्मू ने कहा अगर कुड़मी जाति को एसटी में शामिल किया गया तो आदिवासी समाज आंदोलन तेज करने पर मजबूर हो जाएंगे। साथ ही कहा कि कुड़मी समाज की यह मांग आदिवासियों की अस्तित्व एवं पहचान पर हमला है। कहा कि कुड़मी समाज की नजर अब आदिवासियों की जमीन – जयदात के साथ आदिवासी के लिए सुरक्षित संवैधानिक पदों को हाइजेक करने की है। मौके पर आदिवासी सामाजिक सुरक्षा समिति के अनिल मूर्मू , लखी हेम्ब्रम, रंजित हांसदा, नंदलाल सोरेन, श्यामलाल किस्कू, फुलचंद मूर्मू , गुप्ता मूर्मू , रामप्रवेश मूर्मू , रुपलाल टुडु, ईश्वर टुडु, बैजनाथ सोरेन, प्रेमचंद मांझी,समेत दर्जनों आदिवासी समाज के लोग मौजूद थे।