भगवदाचार्य स्मारक सदन में आयोजित पौराणिक एवं ऐतिहासिक रामलीला महोत्सव का छठवां दिवस मंगलवार को अत्यंत भव्य और धार्मिक माहौल के बीच सम्पन्न हुआ। रामलीला के इस ऐतिहासिक मंचन में श्रद्धालुओं और साधु-संतों की भारी भीड़ उमड़ी, जहाँ पूरे वातावरण में भक्ति और आस्था की गूंज सुनाई दी।रामलीला के मंचन में भगवान श्रीराम के आदर्श जीवन की झलकियां प्रस्तुत की गईं। छठवें दिन मंच पर राम-लक्ष्मण-सीता का वनगमन और भरत मिलाप जैसे भावुक प्रसंगों ने श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया। जब प्रभु श्रीराम और भरत का मिलन हुआ तो उपस्थित जनसमूह “जय श्रीराम” के उद्घोष के साथ अश्रुपूर्ण नेत्रों से भाव-विह्वल हो उठा।इस अवसर पर संत समिति के कार्यकारी अध्यक्ष रसिक पीठाधीश्वर श्रीमहंत जनमेजय शरण जी महाराज, महामंत्री स्वामी श्री संजय दास जी महाराज, उपाध्यक्ष नागा राम लखन दास जी महाराज, श्रृंगी ऋषि पीठाधीश्वर महंत हेमंत दास जी महाराज, और पहलवान बाबा मनीराम दास जी महाराज विशेष रूप से उपस्थित रहे।रामलीला के सफल आयोजन में राजीव रंजन पाण्डेय, महंत धनुषधारी शुक्ला जी, पुजारी राजन दास जी महाराज का विशेष योगदान रहा। इसी क्रम में तीर्थ पुरोहित अध्यक्ष ओम प्रकाश पांडेय, मुख्तार अजय श्रीवास्तव, मंत्री शिवम श्रीवास्तव, व्यापारी नेता पंकज गुप्ता, पूर्व चेयरमैन रमेश गुप्ता, व्यापारी नेता नन्दलाल गुप्ता, रसकुंज प्रतिष्ठान से विकास गुप्ता, तथा चंद्रा प्रतिष्ठान से अंचल गुप्ता भी उपस्थित रहे।कार्यक्रम स्थल पर साधु-संतों और श्रद्धालुओं की भीड़ इतनी विशाल रही कि पूरा परिसर रामभक्ति और जयघोष से गूंज उठा। रामलीला के मंचन के साथ-साथ धार्मिक भजनों ने भी वातावरण को और अधिक रमणीय बना दिया।अंत में, रामलीला समिति की ओर से यह संदेश दिया गया कि प्रभु श्रीराम का आदर्श जीवन मानव समाज के लिए प्रेरणादायी है और ऐसे आयोजनों से संस्कृति, परंपरा और समाज में भाईचारे की भावना सशक्त होती है।धर्मेंद्र कुमार सिंह की रिपोर्ट :-