अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के अवसर पर, झरिया स्थित सामाजिक और शैक्षणिक परियोजना कोलफील्ड चिल्ड्रन क्लासेस (सीसीसी) ने झरिया कोयला कोयलांचल के दूरस्थ क्षेत्रों में ‘शिक्षा और जस्ट ट्रांजिशन (न्यायसंगत परिवर्तन) ‘ को बढ़ावा देने के संदेश के साथ एक जागरूकता रैली निकाली। साथ ही साथ झरिया (लिलोरीपथरा), केंदुआ और बंगाली कोठी (जयरामपुर) के सीसीसी के जरूरतमंद छात्र छात्राओं के बीच स्कूल बैग, कॉपी, पेन और पेंसिल बॉक्स के 2 सेट वितरित किए। बच्चों को उल्लेखनीय है कि सीसीसी 2018 से निशुल्क कंप्यूटर, आर्ट, डांस , इंग्लिश के शिक्षा देते हैं और झरिया कोयला क्षेत्र के बच्चों के बीच शिक्षा को बढ़ावा देने में निरंतर मदद कर रहा है। आज की रैली का मुख्य विषय कोयला क्षेत्र के लोगों को ‘ जस्ट ट्रांजिशन (न्यायसंगत परिवर्तन)’ के विश्वव्यापी आंदोलन के बारे में लोगों को जागरूक करना था, जिसे 2022 से केंद्र सरकार द्वारा बढ़ावा दिया गया था। रैली फुलरीबाग, झरिया में नेताजी की मूर्ति के पास शुरू हुई और जयरामपुर के कोल डिपो पर समाप्त हुई। छात्रों ने ‘शिक्षित बनाओ – भविष्य बचाओ’, जस्ट ट्रांजिशन अपनाओ – देश बचाओ’ और ‘कोयला हमारा लक्ष्य नहीं है’ , ” आधी रोटी कहेंगे फिर भी स्कूल जाएंगे” ‘लिखी तख्तियाँ थाम रखी थीं। रैली के झरिया, मोहरीबांध, जयरामपुर कोल डिपो और झरिया कोलफील्ड्स के बंगालीकोठी क्षेत्र से गुज़रने के दौरान उन्होंने लगातार नारे लगाए। आम लोग उत्सुकता से देख रहे थे।कोलफील्ड चिल्ड्रन क्लासेस के संस्थापक पिनाकी रॉय ने कहा, “कोयला चुनने और बेचने वाले बच्चों की मानसिकता बदलने के लिए सीसीसी कि स्थापना हुई थी, ताकि बच्चें कोयला चुनने के काम से बाहर निकल सकें और एक सुंदर जीवन जी सकें, जलवायु परिवर्तन के लिए जस्ट ट्रांजिशन,(‘न्यायसंगत परिवर्तन)’ के विश्वव्यापी आंदोलन के साथ हमारे लक्ष्य 100% मिलता है। सीसीसी मॉडल दुनिया भर में जस्ट ट्रांजिशन(‘न्यायसंगत परिवर्तन) ‘ का सबसे अच्छा जमीनी उदाहरण है।”केंद्रीय सरकार को हमारे ऊपर ध्यान देना चाहिए।” रैली में पिनाकी रॉय के अलावा शिक्षिका मौसमी रॉय, कला शिक्षक संजय पंडित, वरिष्ठ छात्रा सुमन कुमारी, सोनू कुमार, रिंकी कुमारी शामिल थीं। और छात्रों में – सुहानी कुमारी, राधिका कुमारी, अंजलि कुमारी, दुर्गा कुमारी, राजवीर कुमार, दीपसिखा कुमारी, रागिनी कुमारी, राहुल कुमार, राजू कुमार, नंदिनी कुमारी, मुस्कान कुमारी चांदनी कुमारी, सिमरन कुमारी, पायल कुमारी, मोनू कुमार, अमन कुमार, नंदन कुमार और में हाल ही दीपूधौरा लोदना से विस्थापित बिरजू भुंइया, राम चंद्र भुंइया, सरिता देवी, रूबी देवी, पवि देबी, अशोक भुंइया आदि भी शामिल हुए।