
धनबाद : केंद्र सरकार की कॉर्पोरेट परस्त एवं मजदूर विरोधी नीतियों के विरोध मे मेडिकल तथा सेल्स रेप्रेजेंटेटिव्स की अखिल भारतीय हड़ताल के तहत अपना 11 सूत्री मांगो को लेकर बुधवार को रंधीर वर्मा चौक पर मेडिकल तथा सेत्स रेप्रेजेंटेटिव्स के दस्सयों नारेबाजी की। हड़ताल का नैतिक समर्थन कर रहे वक्ताओं ने कहा कि केंद्र सरकार कॉर्पोरेट और वित्तीय पूंजी के दबाव में 29 मजदूर हित कानूनों को खतम करके 4 लेबर कोडे (श्रम संहिता) लाने पर आमदा है, जिसके चलते 1976 में बना एक मात्र कानून सेल्स प्रमोशन एम्प्लॉईस (सेवा शर्त) एक्ट का परिभासा बदल जाएगा और मेडिकल तथा सेल्स रेप्रेजेंटटिव्स का सेवा शर्त खतम हो जाएगा। उन्होंने कहा कि मजदूरी संहिता (वेज कोड) के अंदर न तो न्यूनतम मजदूरी की कोई परिभाषा है और न ही इसकी गणना का कोई फॉर्मूला, अतः मालिकों की मर्जी पर निर्भर होगा। काम का घंटा 8 से 12 करने की प्रस्ताव है। आज के दिनों कंपनियों 8 घंटा फील्ड वर्क के उपरांत ऑन लाइन मीटिंग के जरिये 10 से 12 घंटा काम ते रही है। लेबर कोड के अंदर फिक्स्ड टर्म इम्प्लॉइमेट यानि एक निश्चित अवधि के लिए काम होगी और टर्म खतम होने के उपरांत सर्विस नवीनीकरण होने का कोई गारंटी नहीं होगा।इसके अलावा हड़ताल में दवा तथा चिकित्सकीय उपकरणों का मूल्य वृद्धि पर भी सरकार से मांग किया गया है। अच्छी गुणवत्ता वाली दवाई और स्वास्थ्य हर नागरिक का अधिकार है। धनबाद इकाई के अध्यक्ष संदीप ने कहा कि यह आर पार की लड़ाई है। आज इस विषम परिस्थिति में सभी मजदूर एवं किसान वर्ग अपनी मांगों को लेकर आने वाले दिनों में चरणबद्ध तरीके से अपनी लड़ाई को जारी रखेंगे