
26 जून, को विश्वभर में अंतरराष्ट्रीय यातना विरोधी दिवस मनाया जा रहा है। यह दिन उन सभी पीड़ितों को समर्पित है, जिन्होंने किसी न किसी रूप में यातना, हिंसा या अन्याय का सामना किया है। यह अवसर हमें न केवल उनके प्रति सहानुभूति और सम्मान प्रकट करने का अवसर देता है, बल्कि हमें वैश्विक स्तर पर मानवाधिकारों के संरक्षण और संवर्धन के लिए एकजुट होने की प्रेरणा भी देता है।इस दिवस का उद्देश्य केवल पीड़ितों की पीड़ा को याद करना नहीं, बल्कि मानव गरिमा, समानता और न्याय के लिए वैश्विक चेतना का निर्माण करना है। यह हमें यह याद दिलाता है कि हर मनुष्य को स्वाभाविक अधिकार प्राप्त हैं — गरिमा, सुरक्षा और न्याय।इस अवसर पर महिवाल ने कहा: “मैं यातना और हिंसा से मुक्त समाज के निर्माण के लिए निरंतर संघर्षरत रहूँगा। मेरा संकल्प है कि हम मिलकर ऐसा समाज बनाएँ जहाँ मानवता, समानता और न्याय की विजय हो।”आइए, इस महत्वपूर्ण दिवस पर हम सब मिलकर यह संकल्प लें कि किसी भी रूप में यातना को स्वीकार नहीं करेंगे और एक न्यायपूर्ण व करुणामय समाज की दिशा में ठोस कदम उठाएँगे।